बायोमीट्रिक होंगी राशन की दुकानें in 2015 - 2016
सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में भ्रष्टाचार तथा खामियां दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राशन कार्ड और राशन दुकानों को बायोमीट्रिक प्रणाली एवं आधार कार्ड से जोड.ने का फैसला किया है. राज्य मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक में उक्त निर्णय लिया गया.इस परियोजना पर 173.72 करोड. रुपए खर्च होने का अनुमान है. सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था से सार्वजनिक वितरण व्यवस्था पारदश्री और असरदार बनेगी. लोगों को राशन दुकानों से मिलने वाली सामग्री का अचूक ब्यौरा उपलब्ध होगा. वास्तविक राशन कार्ड धारकों की संख्या पता चलेगी. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूर्ण रूप से कम्प्यूटरीकृत कर दिया जाएगा. योजना का आधा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.
सूत्रों के मुताबिक दो चरणों में राशन दुकानों को बायोमीट्रिक प्रणाली और आधार कार्ड से जोड.ने की योजना लागू की जाएगी. एनआईसी द्वारा विकसित कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग कर योजना को लागू किया जाएगा. पहले चरण में राज्य के सभी 2.32 करोड. राशन कार्ड धारकों को आधार नंबर, मोबाइल नंबर तथा बैंक खाते के नंबर वाला बारकोडयुक्त कम्प्यूटरीकृत राशन कार्ड दिया जाएगा. राशन कार्ड पर लाभार्थी परिवार की वरिष्ठ महिला का फोटो, नाम और परिवार के सभी सदस्यों का आधार नंबर सहित बारकोड रहेगा. पहले चरण में 69.73 करोड. रुपए खर्च होंगे. इसमें से आधा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. केंद्र ने अब तक इसके लिए राज्य सरकार को 34.86 करोड. रुपए में से 20.92 करोड. प्रदान कर दिए हैं. दूसरे चरण में 104 करोड. खर्च
योजना के दूसरे चरण में राज्य की सभी 52232 राशन दुकानों में बायोमीट्रिक प्रणाली लागू की जाएगी. मोबाइल टर्मिनल टेक्नोलॉजी का उपयोग कर प्रत्येक राशन दुकान से संलग्न राशन कार्ड धारक की बायोमीट्रिक पहचान आधार नंबर के माध्यम से होगी और उसे खाद्यान्न वितरण किया जाएगा. दूसरे चरण की योजना पर 103 करोड. 99 लाख रुपए खर्च होंगे.
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